अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे।

 



 विशाल जन आक्रोश रैली।

बरघाट में बाबासाहेब आंबेडकर बस स्टैंड से विशाल जन आक्रोश रैली निकाली गई जो एसडीएम कार्यालय तक पहुंचकर भिन्न-भिन्न नई लगाए गए और बरघाट की जनता ने लगभग पूरा बरघाट को बंद कर अपना आक्रोश प्रदर्शित किया है।पिछले पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष श्री रंजीत वासनिक की रैली की नेतृत्वता कर रहे और अनिल मर्सकोले कुमार ने भी नेतृत्व किया है। और ज्ञापन महामहिम रावत पति मुर्मू को अनु विभागीय दंडाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रस्तुत किया गया जनता के आक्रोश देखकर ऐसा प्रतीत होता कि दांत एवं दिखाने के दांत वाले नेता तथा अपना काम बंता और भाड़ में जाए जनता वाले भूमिया नेताओं को जनता माफ करने के मूड में नहीं है। घर-घर में उनकी ल कसूत की चर्चा हो रही है।



जन चर्चा तो यहां तक आ गई है जिसमें कांग्रेस की पूर्व विधायक अर्जुन सिंह कड़िया और वर्तमान विधायक कमल मार्च कोल इन दोनों की ज्ञापन देने के लिए आदिवासी समाज से बाहर रहे जबकि जबकि आदर समाज के अनेकों लोग उपस्थित रहे। इसका सबसे ज्यादा दुख आदिवासी समुदाय के लोगों को हुआ है। लोग तो यह भी कह रहे हैं कि यह आदिवासी लोगों के वोट लेने के अधिकारी नहीं है। अब समय तो ऐसा ही आ गया है। जन जागृति के कारण नेताओं को सुधारना पड़ेगा या नेतागिरी छोड़नी पड़ेगी बरघाट के भू माफिया पर और रोड डिवाइडर को नहीं वालों को जन जागृति के अनुसार अपनी समझदारी का परिचय देना चाहिए क्योंकि रोड डिवाइडर के न होने पर नेता भू माफिया तथा अतिक्रमण कर्ताओं के लोगों के यहाँ किसी की मृत्यु नहीं हुई 

और आम जनता के यहां कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इस पर भी जनता का जन आक्रोश बनता है। इसलिए बेहतर है कि दो बार मध्य प्रदेश शासन से रोड डिवाइडर के लिए लाखों करोड़ों रुपए मिल चुके हैं और रोड डिवाइडर के निर्माण की प्रक्रिया कछुए की चाल में चल रही है जबकि जिला अध्यक्ष जिला सिवनी मध्य प्रदेश के एक शिकायत करता ने टाइम लिमिट पर इस गंभीर प्रकरण को समय सीमा पर हल करने का निवेदन किया है और इस प्रकार स्पष्ट हो गया है कि जहां जन आक्रोश की स्थिति तैयार होती है, उसे शीघ्र समय सीमा पर हल किया जाना चाहिए यह एक जन चर्चा के आधार पर खुला निवेदन पून: जिला प्रशासन से है।

विशाल जन आक्रोश रैली।

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