सामान्य वर्ण एससी/एसटी में भारी | शासन और प्रशासन की लाचारी || चपरासी से लेखापाल | प्रशासन ने किया कमाल |


 सामान्य वर्ण एससी/एसटी में भारी |  शासन और प्रशासन की लाचारी || चपरासी से लेखापाल | प्रशासन ने किया कमाल | 

दक्षिण सामान्य वन मंडल सिवनी में गौरी शंकर नामक व्यक्ति पर उक्त शीर्षक बनाया गया है यह भ्रष्ट आचरण की करतूत को स्पष्ट कर रहा है जिला सिवनी मध्य प्रदेश को प्रस्तुत शिकायत दिनांक 19 /10/ 20 22 मैं कार्यवाही की जानकारी चाहिए गई है जो आज तक जानकारी नहीं दिए जाने से शासन की गंभीर हानि और जनहित की हानि आज तक होते चली आ रही है इस गंभीर शिकायत पर मुख्य वन संरक्षक (उद्दे जी) वन वृत्त शिवानी जिला सिवनी मध्य प्रदेश इस भ्रष्ट गौरी शंकर के संरक्षण करता करता बने हुए हैं इस प्रकार मध्य प्रदेश शासन से गौरी शंकर नामक लेखा पाल दक्षिण सामान्य वन मंडल जिला सिवनी मध्य प्रदेश ने करोड़ों करोड़ों रुपए लूटने में प्रशासनिक अधिकारी जिला सिवनी से भोपाल तक के सभी अधिकारी जिम्मेदार हैं जिम्मेदार हैं 

प्रशासन में तीन या चार बार प्रमोशन लेना और एक ही स्थान पर डटे रहना प्रशासनिक अधिकारियों का भ्रष्टाचारी खेल खत्म नहीं होता है उक्त अनावेदक से मंत्रालय तक की सेटिंग में एस सी एवं एसटी की खटिया खड़ी कर सीधे -सीधे लाभ ले  रहा है इसमें और शासन प्रशासन मीडिया एवं जनता सभी इसमें दार्शनिक की तरह मौन है इसलिए यह जानकारी जनता की जागृति के तहत प्रकाशित की जा रही है उक्त अनावेदक की शिकायत 19/ 10/ 2022 में की गई है इसके बाद अनावेदक की शिकायतअफसर को भोपाल की गई है इस महा भ्रष्टाचारी के संबंध में नियुक्ति की चपरासी की यह किस पद पर कैसे हुई है यह भी असमंजस्य वाली पहेली बनी हुई है और शिकायत पर अनावेदक की नियुक्ति की जांच भी आज तक नहीं होना अर्थात भ्रष्टाचार की सख्ती  से उच्च अधिकारी  संरक्षण करते आ रहे हैं

 इसलिए प्रथम नियुक्ति की वैधता की जांच एवं तीन या चार प्रमोशन के वैध होने की जांच गंभीरता से करी जानी चाहिए शासन प्रशासन को सचेत करना एवं जनता को जगाना पत्रकारिता का चौथा स्तंभ का परम कर्तव्य है इसलिए ऐसे अनावेदक पर शीघ्र गंभीर कार्यवाही कर एससी एसटी के हक को लूटने वाले अवैध रूप से भ्रष्टाचारी को सहयोग करने वाले सी सी एफ जिला सिवनी मध्य प्रदेश से भोपाल तक के अधिकारियों पर जनता के हित को नाश करने वालों पर अपेक्षित कार्यवाही कर जनता को अपने कुशल शासन का प्रमाण दिया जाना चाहिए इस प्रकार कानून अंधा नहीं है वरन  कानून को लागू करने वाले अंधे हैं  

-''एस दास''


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