क्यों जन सामान्यौ को चतुर कौवों की याद आ रही है?

पत्रकारिता करते-करते सरपंच की उड़ान क्रॉस हो गई है। यह ग्राम पंचायत अरी ब्लॉक बरघाट जिला सिवनी मध्य प्रदेश की चर्चित खऊआ गिरी की यह सत्य घटना है। जिसमें रविंद्र सचिव पर लाखों रुपयो का गबन पहले भी निकाला है किंतु ब्लॉक बरघाट और जिला पंचायत पुरानी गबन की राशियों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे उच्च अधिकारियों पर (गबन की राशि वसूली नहीं करने से) यह अधिकारियों द्वारा भारी लाभ दिए जाने पर जिला प्रशासन को ध्यान देना चाहिए! (1) जनसुनवाई की शिकायत ने रंग दिखाया है(2) दिलीप यादव और रविंद्र वासनिक सचिव है । (3) पाइप खरीदी, मुरम खरीदी, स्टेट लाइट खरीदी इनमें आर्थिक अनियमितता पाई गई हैं।(4) 35 99 40 रुपए सरपंच पद का दुरुपयोग पर है यदि पूरे कार्यकाल काले पीले कामों पर कार्यवाही हो जाए तो करोड़ों रूपों की हानि भी निकाली जाए जिससे शासन को लाभ हो सके इसकी जन चर्चा पूरे जिले एवं प्रदेश में हो रही है यह कार्यवाही बहुत थोड़ी या छोटी सी है इसलिए सरपंच और सचिव के कार्यकाल में कराए गए सभी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच प्रत्यक्ष कार्यवाही से शासन को करोड़ रूपों की वसूली दिलाई जा सकेगी सोचना पड़ेगा अब सोचना पड़ेगा की पत्रकारिता (जर्नलिज्म) बड़ी है या सरपंची बड़ी है क्योंकि क्योंकि पद से हटाए गए सरपंच ने सभी पत्रकारों की खूब तारीफ की है अपने हाथों से अपनी ही पीठ थपथपाई है।

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