जिला प्रशासन सिवनी मध्य प्रदेश के द्वारा लगभग दो से चार लाख शिकायतों का निराकरण करना था जिसमें 2 लाख शिकायतों का निराकरण शीघ्रता से किया जाना था लेकिन आज तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है इस प्रकार शिकायतों का अंबार बढ़ता जा रहा है संभवत मध्य प्रदेश प्रशासन के द्वारा यह निर्देश हुए थे जिससे शिकायतों का बोझ कम हो और जनता को राहत मिले और प्रदेश सरकार के खजाने में भी कुछ इजाफा हो सके लेकिन किंतु परंतु ढाक के तीन पाठ की तरह कोई कार्यवाही होती ही नहीं है क्योंकि प्रशासन इसमें स्वयं दोषी है। जितनी शिकायतें हुई हैं वह सब प्रशासन की सहमति से होने वाले भ्रष्टाचारों के कारण हैं इसलिए इसलिए प्रशासन को ही इसमें कड़ाई से निराकरण करना पड़ेगा और बिना निराकरण के ना तो शासन के पास कुछ खजाने में वृद्धि होगी और ना किसी प्रकार के न्याय की स्थिति बनेगी और शिकायतकर्ता भी जो है तो मतलब लज्जित और बेमतलब के परेशान हो रहे हैं कुछ तो न्याय हो बस यही मांग है जनता की इस पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए और इसके बिना पे तो ना सरकार चलेगी और ना प्रशासन चलेगा।