वन विभाग वन माफिया एवं जंगली जानवरों के मांस खाने वालों के मेलजोल से रिजर्व वन का सत्यानाश

पेंच टाइगर रिजर्व में लगातार शेरों की हत्या हो रही है। इसके लिए पेंच टाइगर रिजर्व के वर्षों से जमे हुए अधिकारी एवं कर्मचारी दोषी हैं। पब्लिक सर्विस कंडक्ट रूल्स में 3 वर्ष के बाद कर्मचारियों को स्थानांतरित किए जाने का अनिवार्य नियम हैं। लेकिन ये ट्रांसफर के नाम पर छह माह बाद पुनः उसी जगह इसी पद एवं स्थान पर आ जाते हैं। क्योंकि इनके संबंध वन माफिया से है तार बिछाकर शिकार करना और जानवरों का मांस खाना वन विभाग के मेल जोल से चल रहा है इसमें धोखे से शेर फस गया तो उजागर हो गया अन्यथा तो हमेशा से तार बिछाऐ जा रहे हैं । इसी विभाग की पुरानी घटना जिसमें आठ सागौन के लट्ठे रिजर्व फॉरेस्ट से कट कर बाहर आ गए क्या इसमें कर्मचारी और विभाग पूर्णता जिम्मेदार नही है? इसके बाद यह आठ लट्ठे वन विभाग की जिप्सी पर सिवनी के दक्षिण सामान्य चेक पोस्ट पर पकड़े गए थे आज तक इस प्रकरण पर भी किसी प्रकार की कोई ठिकाने की कार्यवाही नहीं हुई है इसके बाद जब जप्त किए गए 8 लट्ठे जमा कराए गए तब वे लट्ठो की संख्या सात हो गई एक लट्ठा जो गायब हो गया था उसपर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और इस प्रकार आठ लट्ठो की संख्या 7 मानकर कार्यवाही के नाम पर लीपा पोली कर दी गई इसमें विभाग के क्षेत्र संचालक वन मंडल अधिकारी दक्षिण सामान्य वन मंडल के अधिकारी तोमर सिंह सूलिया जिम्मेदार है। लेकिन नीचे से ऊपर तक सभी सहमत होकर उस मामले पर सही या गंभीर कार्यवाही नहीं होने दिए हैं नहीं तो इसमें अधिकांश विभाग दोषी है जब इतने बड़े मामले में किसी अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई वन माफिया से वन विभाग का वर्षों से गहरा नाता रहा है। इसलिए अधिकांश विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों को दो तीन जिले के बाहर स्थानांतरित किया जाना चाहिए इससे शासन की अर्बो खर्बो की वन संपदा सुरक्षित रहेगी।

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