भ्रष्टाचार से करोड़ों/अरबों रूपयो की कमाई के दाव पेज
उक्त तीन किस्तों में स्पष्ट है कि सूचना का अधिकार में जिला पंचायत अधिकारी सिवनी एवं माननीय न्यायालय जिला सिवनी मध्य प्रदेश ने केवल सिंह परते के गवन के केस पर आदेश यथा स्थिति की जानकारी नहीं दिए हैं अर्थात जानकारी देने से भ्रष्टाचार की अति शयोन्ति उजागर हो जाएगी इसलिए न्याय की जगह अन्ययाय की और परोपकार की जगह स्वार्थ की बेहतरीन बाजी से भ्रष्टाचार को प्रफुलित किया जा रहा है इस प्रकार प्रस्तुत एलटीटी सर्टिफिकेट क्रमांक पर ध्यान दें यह प्रमाणित समाचार है और यह सर्टिफिकेट बरघाट जिला सिवनी मध्य प्रदेश ने जारी किया है जबकि यह फर्जी प्रमाण पत्र शिवकुमार हनवत और रेशमा हनवत ग्राम निवास निवारी तहसील बरघाट जिला सिवनी मध्य प्रदेश ने अपनी नौकरी बचाने के लिए एवं और भी लाभ लेने के लिए फर्जी तरीके से यह प्रमाण पत्र (कुटरचित दस्तावेज) की रचना स्वयं किए हैं और जांच मे मुख्य खंड चिकित्सा के अधिकारी बरघाट जिला शिवानी मध्य प्रदेश ने इसे फर्जी सिद्ध कर चुका है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ऊषा श्री पांडे है और इसी प्रकार जिला शिक्षा अधिकारी सिवनी ने जिला चिकित्सा अधिकारी से इसमें पुनः स्पष्टीकरण चाहा था जिससे पुनः डॉक्टर उषा पांडे ने अनेक जिला चिकित्सा अधिकारी को अच्छे विस्तृत ढंग से फर्जी वाड़े का प्रमाण पत्र सिद्ध दिया गया है और यह जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी सिवनी मध्य प्रदेश को दी गई है क्योंकि शिवकुमार हनवत ग्राम पंचायत सालई कला के सचिव का कार्य कर रहे हैं और इस ग्राम मैं उनकी पत्नी शिक्षिका का कार्य कर रही है इस प्रकार शासन का लाभ लेने में उक्त दोनों पति-पत्नी फर्जी एवं कुत्रचित शैली का लाभ लेने के दोषी सिद्ध हो चुके हैं इससे संबंधित प्रमाणित समाचार हेतु संलग्न प्रमाणित दस्तावेज की प्रशन देखे सीईओ बरघाट जिला सिवनी मध्य प्रदेश का पत्र क्रमांक/१२२९ दिनांक २०/९/२०२२ मैं जिला पंचायत जिला सिवनी मध्य प्रदेश को पत्र लिखा गया है इसमें फर्जी एलटीटी नसबंदी के प्रमाण पत्र को सत्य होने हेतु चार बिंदुओं में कुतर्क दिए गए हैं जबकि परिवार नियोजन का प्रमाण पत्र फर्जी एवं कुत्रचित सिद्ध हो चुका है अर्थात केवल सिंह परते भ्रष्टाचारियों को एवं शासन को लूटने वालों को बचाने में अपने आप की गर्दन फ़सा लेते हैं और अपना उल्लू सीधा करते हैं ईति सिद्धम जिला अध्यक्ष जिला सिवनी मध्य प्रदेश को दिनांक 9/ 11/ 20 22 और दिनांक 12/ 11/2022 में शिकायत पत्र प्रस्तुत है| जिससे साक्ष्य क्रमांक 5 में उक्त क्रमांक 1 के प्रमाण को फर्जी होना सिद्ध किया जा चुका है प्रमाण क्रमांक 6 प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन वल्लभ भवन भोपाल को प्रेषित शिकायत संलग्न सहपत्र 9 प्रशन सहित दिए गए हैं। कार्यवाही को केवल सिंह परते खुद रोकते तथा रूकवाते हुए लाभ ले रहे हैं और किसी प्रकार सचिवो की सेवा करते हुए अपना अद्भुत राज चला रहे हैं भ्रष्टाचारियों को बचना भी लखपति से करोड़पति होने का चमत्कार माना जा रहा है| पंचायत में बिना कार्य कराए निर्माण कार्यो की राशि बिना मूल्यांकन एवं बिना वैल्यूएशन के कार्य कराये जाने की परंपरा सी चल रही है जो पोर्टल में दर्शाये हुए हैं परंतु धरातल से गायब है अर्थात अब तो भ्रष्टाचार में 100% गवन की चाल (स्पीड) पकड़ ली है अब क्या होगा ? अब वही होगा जो ऊपर वाले को मंजूर होगा क्रमशः।
एस दास