प्रशासन को वेतन शासन सेवार्थ एवं जनहितार्थ के कारण दिया जाता है| यह सभी जानते हैं, परंतु शान सेवार्थ के विरुद्ध और जनहितार्थ के विरुद्ध कार्य करने वाली प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी चोर- चोर मौसेरे भाई बनकर शासन तथा जनता का बक्कल (खाल) उतारने पर अमादा होकर उसी जहाज (देश) को छेद करते हुए डूबाने जा रहे हैं। अजब जनता नहीं रहेगी तब शासन भी नहीं रहेगा फिर भ्रष्टाचारी क्या करेंगे? अर्थात भ्रष्टाचारी जहाज (देश) डूबा कर झकमारने का काम करेंगे। इस प्रकार भयानक स्थिति को स्पष्ट करने वाले तीन छायाचित्र (प्रमाण पत्र) देखें/इसमें पहला प्रमाण पत्र सरपंच के प्रमाण पत्र के आधार पर सोहनलाल पिता महतलाल निवासी डूंडासिवनी जिला सिवनी मध्य प्रदेश दिनांक 29/ 07/ 1990 का फर्जी जाति प्रमाण पत्र है| कृपया इस फर्जी जाति प्रमाण पत्र का दर्शन करें, क्योंकि यह फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर दूसरा प्रमाण तहसीलदार सिवनी जिला सिवनी मध्य प्रदेश का पत्र क्रमांक/52 सिवनी दिनांक 27/1 /2020 है! जिसमें फर्जी जाति प्रमाण पत्र होने का स्पष्ट लेख अनुसार न्यायालयिन दायरा पंजी वर्ष 1966/87 में कोई प्रमाण नहीं पाए गए हैं/और फिर भी सोहनलाल बामने डुंडा सिवनी का यह शख्स पेंच टाइगर रिजर्व वन विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पूजा करते हुए आज भी नौकरी करते हुए आ रहा है। इसमें तीसरा प्रमाण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जिला सिवनी मध्य प्रदेश पत्र क्रमांक/2323 सिवनी दिनांक 14 /12/ 2021 मे फर्जी जाति प्रमाण पत्र का स्पष्ट लेख किया गया है। इस प्रकार डुंडासिवनी जिला सिवनी मध्य प्रदेश का सातिर मोहनलाल बामने न केवल फर्जीवाड़े की नौकरी कर रहा है और शासन प्रशासन एक किसी योग्य आदिवासी के परिवार का सुख अपने परिवार को दे रहा है। इस प्रकार की"अंधेर गर्दी" पर वर्षों से मात्र कागजी कार्यवाहीयां होती आ रही है और ऑफिस में वर्षों से जमे बाबू एवं अधिकारी सभी इस कार्यवाही को असफल कर रहे हैं। और सभी चोर-चोर मौसेरे भाई सहमति से सोहनलाल वामने की आड़ में अपना-अपना लाभ ले रहे हैं। अर्थात शासन की लूट एवं जनहित का सत्यानाश करने वालों का ही बोल- बाला कब तक चलते रहेगा? यह प्रमाणित समाचार जनजागृति एवं शासन हित का प्रमाणित एवं अभीष्ट समाचार प्रस्तुत है। इस प्रकार शासन का बक्कल उतार कर ही भ्रष्टाचारी दम लेंगे? सिवनी शहर के सारे दिग्गज धर्मेंद्र कुमार मुंडिया आर ई एस अधिकारी जिला सिवनी मध्य प्रदेश को जानते हैं। इनको फर्जी जाति प्रमाण पत्र शिकायत के कारण एसडीओ पर डिमोशन कर जिला सिवनी भेजा गया था और कुछ वर्षों बाद यह भ्रष्टाचार एवं रिश्वत (घूंस ) के बल पर आर ई एस विभाग जिला-बालाघाट के अधिकारी बना दिए गए थे किंतु फर्जी जाती प्रमाण पत्र के कारण बी आर एस से नौकरी छोड़कर करोड़ों रुपए के आसामी बनकर अपने जिला नरसिंहपुर में जनता की सलामी स्वीकार कर रहे हैं। शासन को लूटा एवं प्रशासन को लूटा और किसी आदिवासी के परिवार के सुख को लूट कर भोली भाली जनता से सलामी पा रहा है। इसमें आगे की कार्यवाही जात नहीं है लेकिन ऐसे लोग देश में बहुत हैं। और जनता एक सोए हुए शेर की तरह है। और अब आजादी की तरह शेर रूपी जनता पुनः जागने वाली है। इससे कम में किसी का भला नहीं होने वाला है। कृपया भ्रष्टाचार्यों का सम्मान करें या ना करें ।
एस दास