अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता वाली कहावत आज ग्राम पंचायत पौनीया में घट रही है|








अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता वाली कहावत आज ग्राम पंचायत पौनीया में घट रही है| 

पौनीया निवासी रुकमा बाईअपना जातीय व्यवसाय को लेकर पहुंची ककामरेड तिरत गजभिए जी के पास जिसके द्वाराजिला कलेक्टर जिला सिवनी को आवेदन दिया गया उनका कहना है| कि 10 वर्ष पूर्व हिम्मत मेश्राम ग्राम पौनीया निवासी एवं किशोर मोहनकर को 10 साल के लिए पट्टे पर यह तलाव आम वाला बड़ा तालाब दिया गया था लेकिन अब उनके पट्टे की वैधता समाप्त हो गई है ऐसे में काफी दिन बीत चुके हैं|और इन दोनों शख्स के कारण अन्य 28 मेम्बर को तालाब में मछली पकड़ने से वंचित किया जा रहा है जो हमारा जातिय काम है इसके अलावा हमारा कोई अन्य व्यवसाय नहीं है| ग्राम पंचायत पौनिया के बड़ा तालाब आम वाला तालाब पट्टा की वैधता समाप्त हो चुकी हैफिर भी यह दोनों इंसान 28 मेम्बर को धोखा देकर अपने पापड़ से के जा रहे हैं| रुकमा बाई का कहना है कि बड़ा आम वाला तालाब समूह के माध्यम से दिया जाए और जो 28 लोग अपने जातिय व्यवसाय से वंचित हैं वह व्यवसाय उन्हें भी दिया जाए या फिर उन्हें मछुआरी सोसाइटी में सदस्यता दी जाए ऐसा नहीं होने पर जन आक्रोश आंदोलन किया जाएगा|


अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता वाली कहावत आज ग्राम पंचायत पौनीया में घट रही है|

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