सीएम हेल्पलाइन की शिकायत पर सूरमाई करने हेतु बरघाट पुलिस का दुरुपयोग किया ?

बरघाट के ग्राम पंचायत निवारी में स्व सहायता समूह एवं धान खरीदी केंद्र के रानू साहू ने मिलकर किसानो की लूट अनेक बिंदुओं में है जैसे प्रति बोरी में 1 किलो धान ज्यादा लेना और रात में ठीक-ठाक करके किसी व्यापारी को भेज देना और सिलाई का पैसा बोरी का पैसा प्लांट का पैसा पर्ची का पैसा और हमालों का पैसा ऐसे पता नहीं कितने प्रकार से किसानों को लूटा जा रहा है और किसान निरिह प्राणी की तरह लूटते हैं क्योंकि यह कई प्रकार के दबाव देते हैं और हैरान होने वाली बात यह है कि स्व सहायता समूह गोपालगंज का है गोपालगंज से महिला अधयक्ष डेली यहां आती जाती है तो यह और फिर पता नहीं वह गोपालगंज में भी कहीं ना कहीं ऐसे धान खरीदी कर रही होगी इसकी शिकायत करी गई है जिला अध्यक्ष जिला सिवनी को लेकिन कार्यवाही हो रही होगी अभी तक कार्रवाई का रिजल्ट प्राप्त नहीं हुआ है स्वसहायतासमूह के ऊपर
ग्रामीण विकास मिशन जिला सिवनी म प्र द्वारा कार्यवाही को रोक दिए हैं क्योंकि यह इसमें खुद फंस रहे थे और अपनी कार्यवाही को पुलिस से एफ आई आर होने की दिनांक 14 एवं दिनांक 15 में एफ आई आर होने का लाभ 181 की शिकायत पर वजन बढ़ाने के लिए लिया गया है लेकिन शिकायत एल3 में पहुंच गई थी तब इसके समझ में आया कि मैं तो शिकायत किया हूं तो फिर शिकायत करने का लाभ लेकर के उसने एल3 से एल1 में आना गलत है अपनी शिकायत को करवा लिया है 181 में अक्सर इसी प्रकार की धर पकड़ हो रही है और अपना बचाव कर रहे हैं पहले बहुत सारे अखबारों में समाचार छपा था कि धान केंद्रों में मनमानी खरीदी हो रही है स्वसहायता समूह का भी दुरुपयोग जबरन किया जा रहा है लेकिन कोई गंभीर कार्रवाई इस समय तक नहीं हो पाई है इसलिए इसमें गंभीरता से कार्यवाही करी जानी चाहिए और कोई भी फॉलो अप आज तक सही नहीं डाला गया है इसके ऊपर जो अधिकारी हैं सहकारिता विभाग के उनका तो कोई फॉलो अप डाले ही नहीं है क्योंकि ऊपर के जो भी अधिकारी हैं जो इनके जांच करता है वह तो इनके जांच कर्ता ही है ना और बना कर देते हैं कि हम ओके मान रहे हैं सही चल रही है जबकि ऐसी किसानों
की लूट वर्षों से होती आ रही है और गरीब किसान कम कृषि वाला उसकी धान कम होती है तो उसको यह लेते नहीं धान रखी रहती हैऔर वह गरीब किसान चक्कर लगाता रहता है और बाद में किसी व्यापारी को वह धान बेचने के लिए विवस हो जाता है और जो 1 किलो धान ज्यादा लेते हैं उसको रात में बोरी की सिलाई करते हैं कि किलो निकलकर और 40 40 किलो की कटियां बना करके रख लेते हैं और किसी दबंग व्यापारी को बेच देते हैं उसके खाते में ईखट्टी हो जाती है यह बोरियां वह खाते में जो भी धान बेचने वाले हैं उनमें सबसे ज्यादा धान किस-किस की है कार्रवाई होनी चाहिए ऐसी कार्रवाई होगी इससे किसान को राहत मिलेगी और न्याय की दिशा में कुछ सफलता हाथ लगेगी और बिना फॉलोअप के 181 को अपने मनमाने तर्क से बंद करने के कारण ऐसी स्थिति समाजसेवियों की भी बनी है कि समाज सेवाइयों को अनावश्यक रूप से परेशान होना पड़ रहा है अभी हाल में ही जो है पुलिस अधीक्षक जिला बैतूल मध्य प्रदेश के द्वारा दो पुलिस वालों को निलंबित किया गया जो मीडिया में खूब अच्छे से डाला गया है फिर भी यहां इसका उल्लेख करना अनिवार्य है दो पुलिस वाले इसलिए बर्खास्त हो गए हैं क्योंकि 181 पर आदतन शिकायत का लेख किया गया था चरित्र प्रमाण पत्र मे और इसका लेख करने के कारण यह कार्रवाई हुई है एक प्रकार से यह स्पष्ट न्याय दृष्टांत है प्रशासन को और ऐसे उल्टा-पुल्टा काम करने वाले लोगों को 181 के बारे में समझ में आ जाना चाहिए 181 में शिकायत करना आदतन भ्रष्टाचार करने जैसा नहीं है बल्कि उन्हें सोचना चाहिए जो आदतन भ्रष्टाचार कर रहे हैं आदतन अपराध होता है उसको कमेंट किया जाता है आदतन शिकायत को नहीं करते शिकायत का तो एक ही उपदेश है शासन का लाभ हो जनता को लाभ मिले इसके अलावा तीसरा कोई उपदेश नहीं होता और शिकायतकर्ता परोपकार कर रहे हैं परोपकार के लिए रामायण को जानने वाले उसकी चौपाई सुन ले "परहित सरिस धर्म नहीं भाई' पर पीड़ा सम नहीं अधमाई इसमें स्पष्ट हो जाता है परहिट यानी दूसरों का हित करना अर्थात जनहित तो यह जनहित का कार्य कर रहे हैं समाज से भी और उनको इस प्रकार से प्रताड़ित किया जाता है थाने में जब थाने वालों को पैसा देकर के या किसी प्रकार से उपकृत्य चमांकृत करके उनका लाभ लेकर के शिकायत करते हैं फिर उसका दबाव बनाते हैं । भ्रष्टाचारि गुंडागर्दी में भी आ गए हैं इसलिए सख्त से सख्त कार्यवाही ऐसे लोगों पर होना चाहिए जांच को रोके हुए आज तक जांच नहीं हुई इसलिए इसको जो दिख रहा है वैसा ही अपना बचाव कर रहा है और समाजसेवियों पर अपना अंकुश लग रहा है। (बरघाट से सुशील दास की रिपोर्ट)

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