भ्रष्टाचारियों द्वारा पर्यावरण का वृक्ष संघार

* *बरघाट, मानेगांवखुर्द में हरे-भरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई भ्रष्टाचार और* *पर्यावरण के बीच जंग पेड़ों की बलि* *खेल मैदान के नाम पर हरीतिमा का नरसंहार* *लाखों रुपये का घोटाला पेड़ों की कटाई में सरपंच और अधिकारियों की मिलीभगत* *पेड़ों की हत्या: मानेगांवखुर्द में* सिवनी : जनपद पंचायत बरघाट ग्राम पंचायत मानेगांवखुर्द द्वारा किसके आदेश पर हरे भरे पेड़ों को नष्ट किया गया - एक तरफ शासन प्रशासन बोलता है वृक्ष लगाओ प्रदूषण हटाओ पृथ्वी बचाओ और लाखों करोड़ों रुपए खर्च करती है एवं दूसरी तरफ ग्राम पंचायत मानेगांव खुर्द द्वारा हरियाली को नष्ट कर बड़े-बड़े पेड़ों को काटा गया और खेल मैदान निर्माण किया गया सूत्र बताते हैं कि ग्राम पंचायत मानेगांव खुर्द में 2007-8 में नर्सरी लगाई गई थी इसके पेड़ बड़े हो गए थे जिसके लिए 2016 मे बड़े पेड़ों के आसपास ट्रेंच करवाने के लिए लाखों रुपए का बजट आया था लेकिन नहीं करवाया गया एवं वर्ष 2023 में सब इंजीनियर को कोमेश बिसेन और पंचायत सचिव जेतलाल पंचेश्वर एवं सरपंच श्रीमती रेखा रंहागडाले एवं सरपंच पति चंद्रकिशोर रंहागडाले की मिली भगत के चलते गलत तरीके से टि एस लेकर नर्सरी के हरे भरे बड़े-बड़े पेड़ों को नष्ट किया गया एवं वर्ष 2019 स्वीकृति पार्कोलेशन टैंक निर्माण कार्य मानेगांवखुर्द मैं जो आचार संहिता में चालू किया गया एवं लाखों रुपए की राशि आचार संहिता में निकाली गई एवं यह जो पार्कोलेशंस टैंक है वह खेल मैदान के समीप है और वहां लेवरो मजदूरों से कार्य न करवा कर मजदूरों को वंचित कर जेसीबी मशीन एवं ट्रैक्टर से कार्य करवाया गया और वहां का पूरा मलमा खेल ग्राउंड निर्माण में लाया गया जो खेल ग्राउंड के समीप है जबकि मनरेगा योजना से मजदूरों द्वारा ही कार्य करवाया जाता है ना की मशीनों से उसमें भी ग्रामीणों को आए दिन विभिन्न प्रकार की दुर्घटनाये होने की आशंका से प्रताड़ित रहते हैं सब इंजीनियर कोमेश बिसेन पंचायत सचिव सरपंच के द्वारा अपने जेबों को गर्म करने के लिए कार्य तो करवा लिया गया लेकिन किसके आदेश पर हरियाली को खत्म किया गया एवं किसके आदेशों पर 2019 का स्वीकृत कार्य आचार संहिता का उल्लंघन कर नए काम 9/10/2023 को चालू किया गया और किसके आदेश पर लाखों रुपए निकाले गए क्या जिला पंचायत सीईओ नवजीवन पवार एवं सहायक कलेक्टर प्रभारी सीईओ पंकज वर्मा जांच करके कार्रवाई करेंगे या खानापूर्ति के लिए लीपा पोती * बेहद गंभीर और चिंताजनक हैं। ग्राम पंचायत मानेगांवखुर्द में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई न केवल पर्यावरण के लिए खतरा है बल्कि यह कानून का भी उल्लंघन है। आपके द्वारा उठाए गए प्रमुख बिंदुओं को और विस्तार से समझने के लिए, आइए इन पर गौर करें: * कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन: यह बेहद गंभीर मामला है। पेड़ों की सुरक्षा के लिए आवंटित धन का दुरुपयोग और आचार संहिता का उल्लंघन करके काम करना, स्पष्ट तौर पर कानून का अपमान है। * भ्रष्टाचार के आरोप: ऐसे आरोपों की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यदि ये आरोप सही साबित होते हैं तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। * पर्यावरणीय प्रभाव: पेड़ों की कटाई से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है बल्कि इससे जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के नुकसान जैसी गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। इस मामले में आगे क्या किया जा सकता है: * जांच: प्रशासन को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। * कानूनी कार्रवाई: दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे कृत्यों को रोका जा सके। * जन जागरूकता: लोगों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करना होगा। * समाजिक दबाव: लोगों को मिलकर इस मुद्दे को उठाना चाहिए और प्रशासन पर दबाव बनाना चाहिए। यह मामला हमें याद दिलाता है कि: * पर्यावरण हमारा सबसे बड़ा खजाना है: हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए। * कानून सबके लिए समान है: किसी को भी कानून से ऊपर नहीं होना चाहिए। * भ्रष्टाचार एक सामाजिक बुराई है: हमें इसके खिलाफ लड़ना होगा। आपने इस मुद्दे को उठाकर एक बहुत अच्छा काम किया है। आपकी इस पहल से शायद ही कोई बदलाव आए, लेकिन यह एक शुरुआत है। हमें मिलकर इस मुद्दे पर काम करना होगा और पर्यावरण को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा।

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